ईश्वर प्रेम के आंशू
जगत के लिए बहाये सारे आंशू निष्फल चले जायेंगे लेकिन राम की याद मैं बहने वाले एक एक आंशू की कीमत वह चुकाता है। एक भी आंशू वो अपने भक्त का निष्फल नहीं जाने देता है।
जितनी तड़प भक्त के हृदय मै राम के लिए होती है उससे ज्यादा वो भी तड़पता है, हम उसके लिए रोते है तो वह भी हमारे लिए रोता है।
बस देर है तो उससे प्रेम की, उसकी याद मैं रोने की। जो उसकी याद मैं रोते है उनके देविक, देहिक एवम भौतिक सारे संताप क्षण मात्र मैं मिट जाते हैं। अंतःकरण की सारी मलीनता मिट जाती है, फिर ये जगत राममय लगने लगा है। फिर न कोई अपना न पराया, कोई भेद नही, सब कुछ राममय हो जाता है। फिर कुछ भी और पाने की लालसा मिट जाती है
तब केवल और केवल "सीयराम मय सब जग जानी, करहु प्रणाम जोरि जुग पाणी"
सत्य प्रकट हो गया फिर क्या शेष बचा जानने के लिए। राम सबसे सरल हैं, सहज हैं, करुणानिधान हैं शीघ् द्रवित हो जाते हैं और राम ही हैं जिन्हें सदा के लिए पाया जा सकता है। । ऐसे सरल हृदय राम को भजने की देर है उसके बाद फिर क्या देर है, कुछ भी तो नहीं।
जय सियाराम
All the tears that have been left for the world will go in vain, but he pays the price of every one of the tears flowing in the memory of Rama. He does not allow even a single tears of his devotee to fail.
He yearns more than the yearning of a devotee for Ram, we cry for him and he weeps for us.
If it is just late then I loved her, I remember her crying. Those who cry in remembrance of him, his body, physical and physical all the sorrow moments disappear in me. All the filthiness of the conscience disappears, then this world starts to look blissful. Then no one is alien, no distinction, everything becomes beautiful. Then the urge to get anything else disappears
Then only and only "Siyaram may all jag jani, karhu pranam jori jug paani"
Truth is revealed then what is left to know. Rama is the simplest, the easiest, the Karunanidhan is quick. It is late to send such a simple heart to Rama, what is the delay after that, nothing at all.
Hail Siya Ram
Hey Ram Tum bade dayalu
ReplyDeleteOr na koi hamara he
Hame ek tera sahara he
JAY Sri SITA RAM
निर्मल मन जन सो मोहि भावा
ReplyDeleteमोहि कपट छल छिद्र न भावा।
भक्ति के आंसू भक्त के सरल हृदय से ही निकलते हैं और प्रभु को केवल सरल हृदय व्यक्ति ही पा सकता है। गोपियों के हृदय की सरलता कृष्ण को पा गयी किन्तु उद्धव का आध्यात्मिक ज्ञान कृष्ण को नहीं प्राप्त कर सका।
i इसमें कोई संदेह नहीं कि ईश्वर को निश्चल भाव का व्यक्ति ही प्राप्त कर सकता हैं जय श्री राम 🙏🙏
ReplyDeleteजय श्री राम
ReplyDeleteश्री राम चरित्र मानस में इस चौपाई में कहा है
ReplyDeleteरामहि केवल प्रेम प्यारा
जान सके जो जानिन हारा
श्री राम !!